Chandra Grahan 2020 Mantras: करें इन मंत्रों का जाप

साल का पहला चंद्र ग्रहण मिथुन राशि और पुनर्वसु नक्षत्र में लगेगा. भारतीय समय अनुसार यह ग्रहण 10 जनवरी रात 10:37 से शुरू होकर 11 जनवरी सुबह 2:45 तक रहेगा.

साल का पहला चंद्र ग्रहण मिथुन राशि और पुनर्वसु नक्षत्र में लगेगा. भारतीय समय अनुसार यह ग्रहण 10 जनवरी रात 10:37 से शुरू होकर 11 जनवरी सुबह 2:45 तक रहेगा. चंद्र ग्रहण का हमारे मन मस्तिष्क पर काफी प्रभाव पड़ता है. माना जाता है कि ग्रहण का प्रभाव एक पक्ष तक यानी 15 दिन तक रहता है. आइए जानते हैं कि सभी राशियों पर चंद्र ग्रहण का क्या प्रभाव पड़ेगा.

चंद्रग्रहण का लाभ उठाएं
चंद्रग्रहण का लाभ वे लोग उठा सकते हैं जो ज्यादातर बीमार रहते हैं या जिनका रोग ठीक होने का नाम ही नहीं ले रहा है। यदि किसी व्यक्ति को गंभीर रोग ने जकड़ रखा है अथवा कोई लाइलाज रोग से ग्रस्त है तब उन्हें इस चंद्रग्रहण का लाभ अवश्य उठाना चाहिए। हो सकता है कि प्रभु की इच्छा से व्यक्ति स्वस्थ हो जाए और लाइलाज अथवा गंभीर रोग से मुक्ति मिल जाए। इसके लिए आप यह उपाय आजमा सकते हैं।

चंद्रग्रहण की रात में ग्रहण के समय एक कांसे अथवा चांदी की कटोरी लें। एक चांदी का सिक्का और गाय का शुद्ध घी भी उपाय के लिए साथ रखें। इनके अलावा कटोरी के नीचे रखने के लिए कुछ काले तिल आपको लेने होंगे।

ग्रहण के दौरान करें ऐसा
ग्रहण के समय चांदी अथवा कांसे की कटोरी में गाय का शुद्ध घी भरें फिर उस घी की कटोरी में चांदी का एक सिक्का मंत्र बोलकर डालें। फिर घी के पात्र में रोगी को अपना मुख देखते हुए छाया पात्र मंत्र पढ़ना चाहिए। ग्रहण की समाप्ति होने पर अगले दिन सुबह घी की कटोरी के साथ फल, वस्त्र तथा दक्षिणा किसी ब्राह्मण को दान कर दें।

दूसरा व्यक्ति भी कर सकता है मदद
चांदी का सिक्का और घी कांसे के बर्तन में भरकर उपरोक्त लिखित दोनों मंत्रों में से किसी एक मंत्र को बोलते हुए बीमार व्यक्ति को घी पात्र में अपना चेहरा देखना चाहिए। अगर रोगी चाहे तो दोनों मंत्रों को भी बारी-बारी से बोल सकता है। यदि बीमार व्यक्ति चलने में या खड़ा होने में असमर्थ है तब कोई दूसरा व्यक्ति कटोरी में घी भर सकता है और वही चांदी का सिक्का भी मंत्र बोलते हुए डाल सकता है लेकिन कटोरी में मुंह रोगी को ही देखना है भले छायापात्र मंत्र कोई अन्य व्यक्ति बोले। छायापात्र मंत्र के बाद जब रोगी अपना मुंह देख ले तब अंत में रोगी या उसके साथ का कोई अन्य व्यक्ति एक प्रार्थना मंत्र और बोले जो इस प्रकार से है…

ओम यानि कानि च पापानि मया कामं कृतानि च।

छायापात्रप्रदानेन तानि नश्यन्तु मे सदा।।

इस मंत्र का भी कर सकते हैं जप
उपरोक्त उपाय के अलावा रोग मुक्ति लिए ग्रहण के समय “श्रीमहामृत्युजंय मंत्र” का जप रोगी को रोग से मुक्ति दिला सकता है।

छायापात्र मंत्र
1-
 ओम आज्यं सुराणामाहारमाज्यं पापहरं परम्। आज्यमध्ये मुखं दृष्ट्वा सर्वपापै: प्रमुच्यते।।

2- घृतं नाशयते व्याधिं घृतंच हरते रुजम्। घृतं तेजोधिकरंणं घृतमायु: प्रवर्द्धते।।

किस राशि पर ग्रहण के क्या परिणाम होंगे?

मेष- रुके हुए काम पूरे होंगे और करियर में बदलाव हो सकता है. ॐ आदित्याय नमः का जाप करें.

वृष- व्यर्थ की चिंताएं बढ़ेंगी. आकस्मिक दुर्घटनाओं से बचाव करें. ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें.

मिथुन- वैवाहिक जीवन और साझेदारी का ध्यान रखें. धन के मामलों में सावधानी रखें. ॐ बृं बृहस्पतये नमः का जाप करें.

कर्क- प्रेम और विवाह के मामलों में समस्या करियर में बदलाव के योग हैं. ॐ ऐं गुरुवे नमः का जाप करें.

सिंह- रुके हुए काम पूरे होंगे. करियर की स्थिति में लाभ और सुधार होगा. आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें.

कन्या- चोट चपेट से बचाव करें, नौकरी में समस्या आ सकती है. ॐ बृं बृहस्पतये नमः का जाप करें.

तुला- करियर में अचानक समस्या आ सकती है, संपत्ति के मामलों में सावधानी रखें. ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें.

वृश्चिक- पारिवारिक और आंखों की समस्या के योग हैं, वाणी और क्रोध के कारण समस्या हो सकती है. ॐ रां राहवे नमः का जाप करें.

धनु- जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें, स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें. ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें.

मकर- बड़ी समस्याओं का समाधान हो जाएगा, धन लाभ और करियर में सफलता के योग हैं. रोज शाम को ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें.

कुम्भ- करियर में बड़े परिवर्तन के योग हैं, शिक्षा और संतान को लेकर तनाव हो सकता है, गर्भवती महिलायें व्यर्थ की चिन्ता न करें. ॐ ऐं गुरुवे नमः का जाप करें.

मीन- करियर में आकस्मिक समस्याएं आ सकती हैं, अनावश्यक अपयश मिल सकता है. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें.

Leave a Comment